(पंजाब दैनिक न्यूज़) पीएम मोदी ने मंडी में एक जनसभा को संबोधित किया और साथ ही हिमाचल प्रदेश में 11 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया.उन्होंने सरकार के कई विकास कार्यों के बारे में बात की.पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से मेरा हमेशा से एक भावात्मक रिश्ता रहा है. हिमाचल प्रदेश पिछले चार सालों में तेज गति से आगे बढ़ा है. बीते चार सालों में हिमाचल प्रदेश को पहला एम्स मिला. हमीरपुर, मंडी, चंबा और सिरमौर में चार नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं. अभी यहां थोड़ी देर पहले 11,000 करोड़ रुपये की लागत वाले चार बड़े हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास या फिर लोकार्पण भी किया गया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने 2016 में ये लक्ष्य रखा था कि वो साल 2030 तक अपनी Installed Electricity Capacity का 40 प्रतिशत Non-Fossil Energy Sources से पूरा करेगा. आज हर भारतीय को इसका गर्व होगा कि भारत ने अपना ये लक्ष्य इस साल नवंबर में ही पा लिया है.पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को आज फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहा जाता है. इसके पीछे हिमाचल प्रदेश की बहुत बड़ी ताकत है. कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान हिमाचल प्रदेश ने ना सिर्फ दूसरे राज्यों बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की.प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने अपनी पूरी वयस्क जनसंख्या को वैक्सीन देने में बाकी सबसे बाजी मार ली. यहां जो सरकार में हैं, वो राजनीतिक स्वार्थ में डूबे नहीं बल्कि उन्होंने पूरा ध्यान हिमाचल प्रदेश के एक-एक नागरिक को वैक्सीन कैसे मिले?
उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया है कि बेटियों की शादी की उम्र भी वही होनी चाहिए जिस उम्र में बेटों को शादी की इजाजत मिलती है. बेटियों की शादी की उम्र 21 साल होने से उन्हें पढ़ने के लिए पूरा समय भी मिलेगा और वो अपना करियर भी बना पाएंगी.’पीएम मोदी ने कहा कि हर देश में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं, लेकिन आज हमारे देश के लोग स्पष्ट तौर पर दो विचारधाराओं को देख रहे हैं. एक विचारधारा विलंब की है और दूसरी विकास की. विलंब की विचारधारा वालों ने पहाड़ों पर रहने वाले लोगों की कभी परवाह नहीं की. इसके बीच आप एक दूसरा मॉडल भी देख रहे होंगे जो अपना स्वार्थ देखता है. जिन राज्यों में वो सरकार चला रहे हैं उसमें प्राथमिकता गरीब के कल्याण की नहीं बल्कि खुद के कल्याण की है.