



चंबा (पंजाब दैनिक न्यूज़)हिमाचल से बड़ी खबर सामने आ रही है,हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा की पवित्र मणिमहेश यात्रा में इस बार सदियों पुरानी परंपरा टूट गई है। लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण यात्रा मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस कारण मणिमहेश के लिए रवाना हुए संचुई के शिव चेले डल झील तक नहीं पहुंच पाए हैं। मजबूरन पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों से आए श्रद्धालुओं ने चंबा चौगान में ही देव चिह्नों की पूजा-अर्चना कर प्रसाद बांटा और अब वापसी की तैयारी में हैं। कई श्रद्धालु रास्ते बंद होने के कारण मौसम साफ होने पर ही घर लौटने का मन बना रहे हैं। डोडा और भद्रवाह से आए शिवभक्तों के चेहरों पर राधाष्टमी के पवित्र स्नान न कर पाने का मलाल साफ झलक रहा है।श्रद्धालुओं ने कहा कि अब वह इसे शिव की इच्छा मानकर ही घर लौट रहे हैं। मणिमहेश ट्रस्ट डोडा के अध्यक्ष जगदीश ठाकुर, ऑडिटर प्यार सिंह, महासचिव सतीश डोगरा और लंगर कमेटी के सदस्य विजय कुमार ने बताया कि परंपरा के अनुसार हर पड़ाव पर भोले बाबा की पूजा-अर्चना के बाद ही अगला कदम बढ़ाया जाता है। इसी आस्था और अनुशासन की वजह से आपदा के दौरान भी सभी श्रद्धालु सुरक्षित रहे। कहा कि चंबा चौगान में 600 से 1200 तक श्रद्धालु पिछले पांच से सात दिनों से छड़ियों के साथ ठहरे हुए हैं।
