(पंजाब दैनिक न्यूज़) यूकेएचएसए ने शुक्रवार को संकेत दिया कि उसने ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए.2 को जांच के तहत एक संस्करण (वीयूआई) के रूप में नामित किया था क्योंकि इसके मामले बढ़ रहे थे. हालांकि ब्रिटेन में इन दिनों आ रहे कोविड-19 के ज्यादातर मामलों की वजह BA.1 है.ओमिक्रॉन को कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों में सबसे खतरनाक माना जा रहा है. डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को इसे ‘चिंताजनक’ स्वरूप बताते हुए ओमिक्रॉन नाम दिया. ‘चिंताजनक स्वरूप’ डब्ल्यूएचओ की कोरोना वायरस के ज्यादा खतरनाक स्वरूपों की शीर्ष श्रेणी है. कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को भी इसी श्रेणी में रखा गया था. कोविड के अधिक संक्रामक स्वरूप बी.1.1.1.529 के बारे में पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया गया था कोविड-19 वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के हाल ही में खोजे गए उप-संस्करण पर वैज्ञानिक कड़ी नजर रख रहे हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि इसका उद्भव भविष्य में महामारी के प्रसार को कैसे प्रभावित कर सकता है. शुरुआती ओमिक्रॉन वैरिएंट हाल के महीनों में वायरस का सबसे खतरनाक स्ट्रेन बन गया है, लेकिन ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीए.2 नाम के नवीनतम वेरिएंट के सैकड़ों मामलों की विशेष रूप से पहचान की है, जबकि अंतरराष्ट्रीय डाटा का सुझाव है कि यह अपेक्षाकृत तेज़ी से फैल सकता है.
यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने इस महीने के पहले दस दिनों में ब्रिटेन में BA.2 के 400 से अधिक मामलों की पहचान की और संकेत दिया है कि करीब 40 अन्य देशों में भी ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट का पता चला है. इसके अंतर्गत भारत, डेनमार्क और स्वीडन जैसे कुछ देशों में आए सबसे हालिया मामलों में सब-वेरिएंट से जुड़े मरीजों की तादाद सबसे अधिक है.कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को भी इसी श्रेणी में रखा गया था. कोविड के अधिक संक्रामक स्वरूप बी.1.1.1.529 के बारे में पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका की ओर से WHO को सूचित किया गया था.