चंडीगढ़ (पंजाब दैनिक न्यूज़ ) कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तकरीबन डेढ़ महीने पहले जब कांग्रेस से औपचारिक तौर पर दूर होने का ऐलान किया था, तभी यह कहा था कि वह न तो कांग्रेस में रहेंगे और ना ही भाजपा में शामिल होंगे। लेकिन, उन्होंने यह भी कह दिया था कि वह पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ सीटों का तालमेल कर सकते हैं, बशर्ते तीनों कृषि कानून वापस ले लिए जाएं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री आज भी प्रदेश के सबसे कद्दावर राजनेता हैं। उन्होंने इस शर्त की चर्चा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद की थी। कहते हैं कि बिना आग के धुआं नहीं होता। इसलिए राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी कैप्टन को जरूर तभी कुछ ना कुछ अहसास हो गया था, इसलिए उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने से पहले बीजेपी के साथ जाने की बात कह दी थी। क्योंकि, अमरिंदर जैसा नेता पंजाब के लिए किसान आंदोलन जैसे संवेदनशील मुद्दे पर खुद को किसानों की नजरों से दूर नहीं कर सकता था। आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है तो कैप्टन का वह स्टैंड सही साबित हो रहा है।
भाजपा-अमरिंदर में गठबंधन का रास्ता साफ ?
पीएम मोदी के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक न्यूज चैनल से यह कहने में देर नहीं कि उनकी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ सीटों पर तालमेल को लेकर चर्चा करने के लिए तैयार है। अमरिंदर की यह बात उनकी उस लाइन के मुताबिक ही है, जो वह कांग्रेस से इस्तीफा देने से पहले से ही कहने लगे थे। उन्होंने सिर्फ कृषि कानूनों को भाजपा से सटने के लिए अड़ंगा बताया था। उन्होंने पीएम के ऐलान के फौरन बाद ट्वीट किया, ‘बहुत बड़ी खबर! गुरुनानक जयंती के पवित्र अवसर पर हर पंजाबी की मांग मानने और तीनों काले कानूनों को वापस लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद। मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार किसानी के विकास के लिए मिलकर काम करती रहेगी! ‘ उन्होंने इस ट्वीट को अमित शाह को भी टैग किया है।