







जालंधर (पंजाब दैनिक न्यूज़) हर साल की तरह इस साल भी माइंड ट्रैक कॉलेज जालंधर में शहीद करतार सिंह सराभा का शहीदी दिवस मनाया गया I पंजाब दैनिक न्यूज़ से बात करते हुए चेयरमैन गीत रतन खैहरा ने बताया कि भारत देश को स्वराज दिलवाने और अंग्रेजी शासन को समाप्त करने जैसे उद्देश्यों को पूरा करने के कई क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने बताया कि कृपाल सिंह नामक पुलिस के मुखबिर ने अंग्रेजी हुकूमत को इस दल के कार्यों और योजनाओं की सूचना दी। अंग्रेजों ने कई गदर कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इस अभियान की असफलता के बाद सभी लोगों ने अफगानिस्तान जाने की योजना बनाई लेकिन बीच रास्ते में ही करतार सिंह ने अपने गिरफ्तार साथियों के पास वापस लौटने का निर्णय कर लिया।
दो मार्च, 1915 को करतार सिंह अपने दो साथियों के साथ वापस लायलपुर, चौकी संख्या-5 पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने तैनात सेना अफसरों से विद्रोह किया, लेकिन आखिरकार उन्हें साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। 13 सितंबर 1915 को करतार सिंह और उनके साथियों को लाहौर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। वर्ष 1914-15 में अंग्रेजों के विरुद्ध पहली साजिश में 24 लोगों को फांसी की सजा दी गई। कोर्ट ने सभी पकड़े गए विद्रोहियों में से करतार सिंह को सबसे ज्यादा खतरनाक ठहराया। करतार सिंह को मात्र 19 वर्ष की आयु में 16 नवंबर, 1915 को फांसी दे दी गई। इस अवसर पर प्रिंसिपल प्राचार्य परमिंदर कौरअध्यक्ष अमरजीत कौर, मैडम रीनू,मैडम गोरजा, मैडम रीतु सहित कॉलेज के विद्यार्थी उपस्थित थे I










