कपूरथला (पंजाब दैनिक न्यूज़) हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण उफनती व्यास नदी ने अस्थायी बांध तोड़ दिए हैं, जिससे सुल्तानपुर लोधी के मंड क्षेत्र और पंजाब के कपूरथला ज़िले के भोलाथ के दर्जन भर से ज़्यादा गाँव जलमग्न हो गए हैं। 4,000 एकड़ से ज़्यादा कृषि भूमि और अन्य रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए हैं।इस बीच प्रभावित किसान बाढ़ के पानी से बचने के लिए धुस्सी बांध के रैंप और छतों पर शरण ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, सबसे ज़्यादा प्रभावित गाँवों की पहचान बाऊपुर, भैणी बहादुर, कादर बख्श, बाऊपुर जदीद, बाऊपुर कदीम, रामपुर गौरा, संगरा, मिद्धेवाल और पासन कदीम के रूप में हुई है। ग्रामीणों ने अपना सामान ट्रकों और टेम्पो में भरकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया है। इस बीच, इतने कम समय में वहाँ से न निकल पाने वाले कुछ लोगों ने अपना अनाज और सामान घरों की ऊपरी मंज़िल पर पहुँचा दिया है।बाऊपुर गांव निवासी जरनैल सिंह ने बताया कि प्रभावित ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं और हजारों एकड़ खड़ी फसलें पांच से छह फुट पानी में डूब गई हैं उन्होंने कहा, “पानी हमारे घरों के निचले स्तर तक पहुंच चुका है; हमें अपने गांव से होकर गुजरने के लिए भी नावों की जरूरत पड़ती है।”बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने वाले राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि बाऊपुर गांव के निकट एक दरार के कारण धान की खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, जो चार से पांच फीट पानी में डूब गई हैं। उपायुक्त अमित कुमार पंचाल ने ट्रैक्टर से यात्रा करते हुए मंड क्षेत्र के बाऊपुर जदीद का दौरा किया और किसानों व निवासियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। उन्होंने बाढ़ की रोकथाम और राहत कार्यों की समीक्षा की और पुष्टि की कि ब्यास नदी में जल प्रवाह वर्तमान में 1.05 लाख क्यूसेक पर स्थिर है और पिछले 12 घंटों में इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि धुस्सी बांध पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने जनता से शांत रहने और घबराहट से बचने का आग्रह किया।


