नई दिल्ली (पंजाब दैनिक न्यूज़ ) दुनिया भर में दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ती ही जा रही है,महंगाई की हालत ऐसी है कि हरी सब्जियों से लेकर दाल, मसाले, चीनी, आटा सब महंगा हो गया है। महंगाई ने किचन से खाने-पीने की चीजें गायब कर दी है। टमाटर हो या फिर मसाले सबके के रेट जेब को खाली करने का काम कर रहे हैं। महंगाई की हालत ऐसी हो गई है कि पहले सब्जियों से टमाटर गायब हो गया तो अब बिना छौंके वाली दाल खाने की आदत डालनी पड़ेगी। मसालों का राजा कहलाने वाले जीरे का दाम (Cumin Price Hike) सातवें आसमान पर पहुंच गया है।जीरे की कीमत रॉकेट के रफ्तार से भाग रही है। जीरा थोक में लगभग 57,500 -58,500 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया है। रिटल में जीरे की कीमत 700 से 900 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। जीरे की कीमत की तुलना अगर ड्राईफ्रूट से करें तो ये काजू-बादाम से महंगा बिक रहा है। बादाम के रिटेल कीमत जहां मार्केट में 650 से 700 रुपये किलो के रेट पर बिक रहा है तो वहीं जीरा पिछले एक हफ्ते में चढ़कर 700 से 900 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। जो जीरा अब तक 150 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था, पिछले एक हफ्ते में वो बढ़कर 700 से 900 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। पिछले बुधवार को राजस्थान के नागौर मंडी में जीरा की होलसेल प्राइज 57,500 से 58,500 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया है।कमोडिटी एक्सपर्ट्स की माने तो गुजरात में बिपरजॉय तूफान के बाद जीरे के आयात पर असर पड़ा है। आयात कम होने से कीमत में उछाल देखने को मिला है। जीरे की कीमत पर मांग का असर पड़ता दिख रहा है। टर्की और सीरिया का जीरा जुलाई तक मार्केट में आ सकता है। जीरे के साथ-साथ हल्दी की कीमत में भी भारी देखने को मिल रहा है। दोनों की वायदा भाव में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है। जीरा और हल्दी के वायदा भाव में 5 दिन में 10 फीसदी की तेजी आ गई है। वहीं एक साल अब तक जीरे की कीमत में 80 फीसदी की तेजी आ गई है। उत्पादन काफी घटना और मांग में तेजी के कारण एक महीने में जीरे की कीमत में 20 से 30 फीसदी की तेजी आ चुकी है।अब तक के उच्चतम स्तर पर जीरा कमोडिटी एक्सपर्ट्स की माने तो गुजरात में बिपरजॉय तूफान के बाद जीरे के आयात पर असर पड़ा है। आयात कम होने से कीमत में उछाल देखने को मिला है। जीरे की कीमत पर मांग का असर पड़ता दिख रहा है
