हिमाचल प्रदेश- पंजाब दैनिक न्यूज़(मुनीश तोखी ) मणिमहेश यात्रा के लिए चंबा प्रशासन ने गुरुवार से पंजीकरण शुरू कर दिया है। सुरक्षा कारणों से श्रद्धालुओं के लिए सरकार के पोर्टल पर अपना नि:शुल्क पंजीकरण करवाना जरूरी है। कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।पांच कैलाशों में से एक मणिमहेश यात्रा के लिए चंबा प्रशासन ने पंजीकरण के लिए गुरुवार शाम पांच बजे से ऑनलाइन पोर्टल खोल दिया है। शिवभक्त यात्रा के लिए प्रदेया सरकार के पोर्टल पर अपना नि:शुल्क पंजीकरण करवा सकते हैं। सुरक्षा कारणों से मणिमहेश यात्रा के इस वर्ष सभी श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस वर्ष मणिमहेश यात्रा दिनांक 19 अगस्त से लेकर 2 सितंबर तक तक चलेगी।उपायुक्त डीसी राणा ने बताया कि मणिमहेश यात्रा के श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 4 अगस्त शाम 5 बजे से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि मणिमहेश यात्रा के दौरान आने वाले सभी श्रद्धालुओं को पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। पंजीकरण निशुल्क होगा। पंजीकरण www.manimaheshyatra.hp.gov.in पर किया जा सकेगा।उन्होंने बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन पर एक लिंक प्राप्त होगा। वहां से क्तक्र कोड को डाउनलोड किया जा सकेगा। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत ही प्रवेश स्थलों से श्रद्धालुओं को आगामी यात्रा की अनुमति प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस वेबसाइट पर हेलीकॉप्टर सेवा के बारे में जानकारी के साथ-साथ न्यास को दान देने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध होगी।उपायुक्त ने बताया कि चंबा से भरमौर की और जाते समय कुछ स्थानों पर मोबाइल नेटवर्क की समस्या भी रहती है। बेस कैंप हड़सर में सिर्फ बीएसएनएल सिगनल सुविधा उपलब्ध है। इसलिए उन्होंने श्रद्धालुओं से यह आग्रह किया है कि यात्रा पर प्रस्थान करने से पूर्व पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण करना सुनिश्चित करें। बता दें कि मणिमहेश झील हिमाचल प्रदेश में प्रमुख तीर्थ स्थान में से एक बुद्धिल घाटी में भरमौर से 21 किलोमीटर दूर स्थित है।झील कैलाश चोटी पर 18,564 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। हर साल, भाद्रपद के महीने में हल्के अर्द्धचंद्र आधे के आठवें दिन, इस झील पर एक मेला आयोजित किया जाता है, जो कि हजारों लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है, जो पवित्र जल में डुबकी लेने के लिए इकट्ठा होते हैं। भगवान शिव इस मेले/ जातर के अधिष्ठाता देवता हैं। कैलाश पर्वत को अजेय माना जाता है। कोई भी अब तक इस चोटी को माप करने में सक्षम नहीं हुआ है, इस तथ्य के बावजूद की माउंट एवरेस्ट सहित बहुत अधिक ऊंची चोटियों पर विजय प्राप्त की जा चुकी ह
Manimahesh Yatra 2022: मणिमहेश यात्रा के लिए आज से पंजीकरण शुरू, श्रद्धालुओं को ऑनलाइन कराना होगा रजिस्ट्रेशन, इन बातों का रखें ख्याल
मणिमहेश यात्रा के लिए चंबा प्रशासन ने गुरुवार से पंजीकरण शुरू कर दिया है। सुरक्षा कारणों से श्रद्धालुओं के लिए सरकार के पोर्टल पर अपना नि:शुल्क पंजीकरण करवाना जरूरी है। कुछ बातों का ध्यान रखना हो
उन्होंने बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन पर एक लिंक प्राप्त होगा। वहां से क्तक्र कोड को डाउनलोड किया जा सकेगा। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत ही प्रवेश स्थलों से श्रद्धालुओं को आगामी यात्रा की अनुमति प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस वेबसाइट पर हेलीकॉप्टर सेवा के बारे में जानकारी के साथ-साथ न्यास को दान देने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध होगी
पंजीकरण पोर्टल पर इस बार प्रशासन ने यात्रा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। ये सब निर्देश पंजीकरण पोर्टल पर भी दर्शाए गए हैं। यात्रा पर जाने वाले हर शिव भक्त को इन निर्देशों का पालन करना होगा। ये नियम इस प्रकार से हैं-
मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या करें
– यात्री अपना पंजीकरण आवश्य करवाएं।
– यात्रियों से अनुरोध किया जाता है कि चिकित्सा प्रमाण पत्र अपने साथ लेकर आए तथा बेस कैंप हडसर में स्वास्थ्य – जांच आवश्य करवाएं। पूर्णतय स्वस्थ होने पर ही यात्रा करें।
– अकेले यात्रा न करें केवल साथियों के साथ ही यात्रा करें।
– चढ़ाई धीरे-धीरे करें, सांस फूलने पर वहीं रूक जाएं।
– छाता, बरसाती, गर्म कपड़े, गर्म जूते, टॉर्च एवं डंडा अपने साथ आवश्य लाएं।
– प्रशासन द्वारा निर्धारित रास्तों का प्रयोग करें।
– किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या हेतु निकटतम कैंप में संपर्क करें।
– सफाई का विशेष ध्यान रखें।
– दुर्लभ जड़ी-बूटियों एवं अन्य पौधों के संरक्षण में सहयोग करें।
– इस यात्रा को पिकनिक अथवा मौज मस्ती के रूप में न लें व केवल भक्तिभाव एंव आस्था से ही तीर्थ यात्रा करें।
– किसी भी प्रकार का दान अथवा चढ़ावा केवल ट्रस्ट के दान पात्रों में ही डालें।
– यात्री मास्क तथा सेनिटाइजर साथ लाएं।
– कोविड-19 नियमों का पालन करें।
– यात्री अपना पहचान पत्र/आधार कार्ड यात्रा के दौरान साथ रखें
मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या न करें
– सुबह 4 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद बेस कैंप हडसर से यात्रा न करें।
– बिना पंजीकरण एंव चिकित्सकीये रूप से फिट न होने पर यात्रा न करें।
– अपने साथियों का साथ न छोड़े, जबरदस्ती चढ़ाई न चढ़ें व फिसलने वाले जूते न पहने यह घातक हो सकता है।
– खाली प्लास्टिक की बोतलों एवं रैपर इत्यादि खुले में न फेकें बल्कि अपने साथ वापिस लाकर कूड़ेदान में डालें।
– जड़ी-बूटियों एंव दुर्लभ पौधों से छेड़छाड़ न करें।
– किसी भी प्रकार के नशीलें पदार्थो मांस मदिरा इत्यादि का सेवन न करें। यह एक धर्मिक यात्रा है इसकी पवित्रता का ध्यान रखें
– पवित्र मणीमहेश डल झील के आस-पास कच्चरा, गीले कपड़े और स्नान उपरान्त अपने अधोवस्त्र इधर-उधर न फेकें तथा इन्हें नजदीक स्थापित कूड़ेदान में डालें।
– छ: सप्ताह से ज्यादा गर्भवती महिलाएं यात्रा न करें।
– यात्रा के दौरान चप्पलों के बजाय जूतों का प्रयोग करें, क्योंकि रास्ता दुर्गम होने की वजह से चोट इत्यादि लग सकती है।
– किसी भी प्रकार के छोटे रास्ते का प्रयोग न करें।
– प्लास्टिक का प्रयोग न करें।
– यात्रा के दौरान कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे वातावरण दूषित हो तथा पर्यावरण को किसी प्रकार की कोई हानि हो।
– यात्रा के दौरान मौसम खराब होने पर हडसर व डल झील के बीच धन्छो, सुंदरासी, गौरीकुंड एवं डल झील पर सुरक्षित जगह रूकें। मौसम अनुकूल होने पर ही यात्रा आरंभ करें