चंडीगढ ( पंजाब दैनिक न्यूज़ )पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील कुमार जाखड़ ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्य में पार्टी का नेतृत्व करते हुए उन्हें एक साल भी नहीं हुआ है। इस तरह, पंजाब में पंचायत चुनावों से पहले भाजपा नेतृत्वविहीन हो गई है। सुनील जाखड़ के करीबी सूत्रों ने इस्तीफे की पुष्टि की है।भाजपा ने बृहस्पतिवार को पंचायत चुनावों के संबंध में बैठक की, जिसमें जाखड़ शामिल नहीं हुए। सूत्रों ने बताया कि राज्य इकाई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने जाखड़ को फोन किया तो उन्होंने कहा कि आज भी और भविष्य में भी वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के तौर पर किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। जाखड़ ने अपने इस्तीफे पर ट्रिब्यून से टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा नेतृत्व ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि जाखड़ ने जुलाई में जालंधर उपचुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को बता दिया था कि वह प्रदेश अध्यक्ष पद पर नहीं बने रहना चाहते। गौर हो कि वर्ष 2021 में सीएम बदलने के दौरान जाखड़ कांग्रेस से नाराज हो गए थे। कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने यह कहते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था कि सिख बहुल राज्य का कोई गैर-सिख सीएम नहीं हो सकता। बताते हैं कि चुनाव हारने के बावजूद रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्रीय मंत्री बनाया जाना भी सुनील जाखड़ को रास नहीं आया।सुनील जाखड़ 10 जुलाई के बाद से पार्टी की प्रदेश इकाई की किसी बैठक में शामिल नहीं हुए। वह प्रदेश भाजपा के चल रहे सदस्यता अभियान में भी शामिल नहीं हुए। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि जाखड़ भाजपा के कुछ परंपरागत नेताओं से सहज नहीं थे और नीतियों व रणनीति पर अक्सर उनके साथ मतभेद रहते थे। इस साल लोकसभा चुनाव में भाजपा को कोई सीट नहीं मिली और उपचुनाव में भी पार्टी हार गई