







जालंधर (पंजाब दैनिक न्यूज़) पंजाब किसान मज़दूर संघर्ष कमिटी के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा- हम 21 फ़रवरी को 11 बजे दिल्ली की तरफ़ बढ़ेंगे,संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा- ये फ़ैसला लिया गया है कि सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, उसकी नापतोल अगर की जाए तो उसमें कुछ नज़र नहीं आ रहा,किसान संगठनों की मांग है कि 23 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी दिया जाए. एमएसपी को क़ानूनी अधिकार बनाने की मांग की जा रही है.
स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को अमल में लाया जाए. किसानों और खेत मज़दूरों को पेंशन दी जाए. ऐसा होता है तो किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिलेगा. यानी अगर खेती करने में किसान के 10 रुपये लग रहे हैं तो वो चाहते हैं कि उन्हें फसल बेचने पर 15 रुपये मिलें. इसके अलावा लखीमपुर खीरी मामले में दोषियों को सज़ा देने की मांग भी किसान कर रहे हैं.किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, “ये जो प्रस्ताव आया है, वह किसानों के पक्ष में नहीं है. हम इस प्रस्ताव को रद्द करते हैं.” उन्होंने कहा, “हमारी सरकार बाहर से एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये का पाम तेल मंगवाती है. वो सभी लोगों के बीमारी का कारण भी बन रहा है, फिर भी उसे मंगवाया जा रहा है. अगर यही पैसा देश के किसानों को तेल, बीज फसलें उगाने के लिए और उनके ऊपर एमएसपी की घोषणा करे और ख़रीद की गारंटी दे, तो उस पैसे से काम चल सकता है.” किसान संगठनों का कहना है कि अगर सभी फसलों पर एमएसपी दे दिया जाए तो भी सरकार के डेढ़ लाख करोड़ रुपये ही लगेंगे.किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “हमारी मांग वही है कि सरकार 23 फसलों पर एमएसपी गारंटी क़ानून बनाकर दे.” पंढेर ने आरोप लगाया है कि जब हम केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक के लिए जाते हैं, तो वे तीन-तीन घंटे देरी से आते हैं जो कि ठीक बात नहीं है.










